Punjab: बटाला में तेज़ रफ्तार बस का कहर, पाँच मिनट की देर की कीमत चुकाई, 3 की मौत, 23 घायल
Punjab: बटाला से मोहाली की ओर जा रही राजधानी परिवहन की एक बस ने एक भयानक दुर्घटना को जन्म दिया, जब चालक ने बस को तेज़ रफ्तार में चलाने का फैसला किया ताकि वह पाँच मिनट की देरी को पूरा कर सके। यह घटना केवल एक किलोमीटर की दूरी पर हुई, जिसमें बस ने पहले एक स्कूटर पर सवार पिता और पुत्र को कुचल दिया और फिर सड़क किनारे स्थित बस शेल्टर को तोड़ते हुए एक स्कूटर मरम्मत की दुकान के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी टक्कर मारी।
दुर्घटना का विवरण
दुर्घटना में तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक बच्चा और एक महिला शामिल हैं, जबकि 23 अन्य लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 12 को उनकी गंभीर स्थिति के कारण अमृतसर रेफर किया गया है। सात लोग प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज हो गए हैं, जबकि चार लोग बटाला अस्पताल में उपचाररत हैं।
मृतकों की पहचान
मृतकों की पहचान की गई है: 13 वर्षीय अभिजोत सिंह, जो बटाला के संगतपुरा का निवासी था; बलविंदर कौर, जो बटाला के गाँव नंगल झोर की निवासी थी; और मनजीत, जो होशियारपुर जिले के गाँव गुरुका हुसैन का निवासी था।
गवाहों की गवाही
घटना के गवाहों ने बताया कि दोपहर 2:40 बजे, तेज़ रफ्तार वाली निजी बस ने पहले भूपिंदर सिंह को टक्कर मारी, जो अपने बेटे अभिजोत के साथ स्कूटर पर जा रहे थे। यह दुर्घटना तब हुई जब बस ने गति बढ़ा दी, जब कुछ यात्रियों ने चालक से धीमी चलाने के लिए कहा। चालक ने उत्तर दिया कि वह पहले से ही पाँच मिनट की देरी में है और इस देरी को केवल तेज़ चलाकर ही पूरा कर सकता है।
राजविंदर कौर का अनुभव
राजविंदर कौर, जो गाँव तुगलवाला की निवासी हैं, ने बताया कि उन्होंने बटाला से अपने गाँव जाने के लिए बस में सवार हुई थी। उन्होंने कहा, “बस जैसे ही बस स्टैंड से बाहर निकली, चालक ने रफ्तार बढ़ा दी। कुछ यात्रियों ने रफ्तार कम करने के लिए कहा, लेकिन चालक ने उनकी बात नहीं मानी।”
राजविंदर ने बताया कि वह बटाला में एक निजी अस्पताल से अपने दाएं घुटने के लिए दवा लेने आई थी। उन्हें यह नहीं पता था कि चालक की गलती के कारण उसके दूसरे घुटने को भी चोट लगेगी।
प्रभाव
यह दुर्घटना केवल उन लोगों के लिए एक त्रासदी नहीं है जिन्होंने अपनी जान गंवाई, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। यातायात नियमों की अनदेखी और लापरवाह ड्राइविंग के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जो न केवल यात्रियों की जान को खतरे में डालती हैं, बल्कि उनके परिवारों को भी मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित करती हैं।
सरकार की जिम्मेदारी
इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। बसों के चालकों को प्रशिक्षित करने, यातायात नियमों के पालन को सुनिश्चित करने और ड्राइवरों के लिए नियमित जांच कराने की जरूरत है। इसके साथ ही, यात्रियों को भी अपनी सुरक्षा के लिए जागरूक होना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
सुरक्षित यात्रा की दिशा में कदम
सरकारी और निजी परिवहन कंपनियों को चाहिए कि वे सुरक्षा को प्राथमिकता दें और यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करें। बसों में स्पीड गवर्नर लगाने, ड्राइवरों की स्क्रीनिंग और उनकी मानसिक स्वास्थ्य की जांच करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, यात्रियों को भी जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे किसी भी स्थिति में अपनी सुरक्षा के लिए उठ खड़े हों।